क्या आप शिकार हैं? अधिक विचारों का

सोच पर काबू

क्या आप भी अक्सर बीती बातों को लेकर सोचते रहते हैं? क्या आपके दिमाग में “क्या होगा अगर… वाले सवाल चलते रहते हैं? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। आप “ओवरथिंकिंग” यानी ज़रूरत से ज़्यादा सोचने की आदत के शिकार हो सकते हैं।

​ओवरथिंकिंग एक ऐसी मानसिक आदत है जहाँ आपका दिमाग एक ही विचार या समस्या में अटक जाता है और आप उससे बाहर नहीं निकल पाते। यह आपको वर्तमान में जीने से रोकता है और आपकी मानसिक शांति को भंग कर देता है।Prernapathofficial.com” पर आज हम 5 ऐसे प्रैक्टिकल और असरदार तरीकों के बारे में जानेंगे, जो आपको इस ज़्यादा सोचने की आदत से बाहर निकलने में मदद करेंगे।

​1. खुद को जागरूक करें

​ओवरथिंकिंग को रोकने का पहला कदम यह पहचानना है कि आप यह कर रहे हैं। अक्सर हम सोचने में इतना खो जाते हैं कि हमें पता ही नहीं चलता कि हम एक ही बात को घंटों से दोहरा रहे हैं।

  • कैसे करें: जैसे ही आप खुद को फँसा हुआ महसूस करें, रुकें और खुद से कहें, “मैं अभी ओवरथिंकिंग कर रहा हूँ।” सिर्फ यह स्वीकार कर लेना ही आपको उस लूप से बाहर निकलने की शक्ति देता है। अपने विचारों को देखें, उन्हें जज न करें, बस उन्हें पहचानें।

​2. “5 मिनट का नियम” अपनाएँ

​जब कोई चिंता आपको परेशान करे, तो उसे दबाने की कोशिश न करें। इसके बजाय, खुद को 5 मिनट का समय दें।

  • कैसे करें: अपने फ़ोन पर 5 मिनट का टाइमर सेट करें। उन 5 मिनटों में, उस समस्या के बारे में जितना सोचना है, सोच लें। उसके हर पहलू पर विचार करें। लेकिन जैसे ही टाइमर बजे, आपको रुकना होगा। एक कागज़ लें और अपनी चिंता को लिख दें। यह आपके दिमाग को संकेत देता है कि इस पर बाद में सोचा जा सकता है, अभी के लिए इसे छोड़ दें।

​3. वर्तमान में लौटें

​ओवरथिंकिंग या तो अतीत (Past) में होती है (“मुझे वैसा नहीं करना चाहिए था”

या भविष्में कल क्या होगा”)। इसका सबसे अच्छा इलाज है अपने दिमाग को खींचकर ‘अभी’ में ले आना।

  • कैसे करें:5-4-3-2-1 तकनीक का इस्तेमाल करें।
    • 5 ऐसी चीज़ें देखें जो आपके आस- पास हैं।
    • 4 ऐसी आवाज़ें सुनें।
    • 3 ऐसी चीज़ों को छुएँ (जैसे टेबल, कपड़ा, पेन)।
    • 2 ऐसी चीज़ें सूंघें (जैसे कॉफ़ी, साबुन)।
    • 1 ऐसी चीज़ का स्वाद लें (जैसे पानी)। यह एक्सरसाइज आपके दिमाग को तुरंत वर्तमान में ले आती है।

​4. एक्शन लें

​अक्सर हम इसलिए ज़्यादा सोचते हैं क्योंकि हम फँसा हुआ महसूस करते हैं और हमें लगता है कि हम कुछ कर नहीं सकते।

  • कैसे करें: अपनी समस्या को छोटे-छोटे कदमों में तोड़ दें। अगर आप किसी बड़े प्रोजेक्ट को लेकर चिंतित हैं, तो बस उसका पहला, सबसे छोटा कदम उठाएँ (जैसे, सिर्फ एक ईमेल लिखना)। एक्शन लेना (भले ही वह कितना छोटा हो) आपके दिमाग को चिंता मोड से समाधान मोड में ले आता है।

​5. अपनी चिंताओं को शेड्यूल करें

​यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह बहुत असरदार है। अगर आप अपने दिमाग को कहेंगे कि “कभी चिंता मत करो”, तो वह और ज़्यादा चिंता करेगा।

  • कैसे करें: दिन में कोई 15 मिनट का समय (जैसे शाम 5:00 से 5:15 तक) सिर्फ “चिंता करने के लिए” रख दें। जब दिन में आपको कोई चिंताजनक विचार आए, तो खुद से कहें, “मैं इस बारे में अभी नहीं, अपने ‘चिंता समय’ में सोचूँगा।” जब आप उस समय पर बैठेंगे, तो आप पाएँगे कि उनमें से ज़्यादातर चिंताएँ अब उतनी बड़ी नहीं लग रही हैं। (बस यह समय सोने से ठीक पहले न रखें)।

​निष्कर्ष

​ओवरथिंकिंग एक आदत है, और किसी भी आदत की तरह इसे बदला जा सकता है। यह एक रात में नहीं होगा, लेकिन लगातार अभ्यास से आप अपने विचारों पर काबू पा सकते हैं।

​याद रखें, आप अपने विचार नहीं हैं। आप वह हैं जो उन विचारों को देख रहा है। इन तरीकों को अपनाएँ और अपने दिमाग का कंट्रोल वापस अपने हाथ में लें।

आप ओवरथिंकिंग से बचने के लिए कौन सा तरीका सबसे पहले आज़माने वाले हैं? हमें कमेंट्स में बताएँ!

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